लेखनी कहानी -25-Jan-2023-तेनाली रामा की कहानिया -7
चाननपुर गाँव में
चांदकुमारी नाम की
एक रूपवती कन्या
रहती थी। वह
विवाह के योग्य
हो गई थी
लेकिन अपनी माँ
के व्यवहार के
कारण उसका विवाह
नहीं हो पा
रहा था।उसकी माँ
का नाम चमेली
था जो अपने
पति माधो को
रोज़ सात जूते
मारा करती थी।यह
बात दूर – दूर
तक के लोगों
को पता थी
इसलिए कोई भी
चांदकुमारी को अपनी
बहु नहीं बनाना
चाहता था।
वहीँ दूसरी तरफ तेनालीराम
की बुद्धिमत्ता के
कारण दरबारियों के
साथ – साथ उसके
कुछ रिश्तेदार भी
उससे जलते थे।एक
बार तेनालीराम घर
पर आराम फरमा
रहा था कि
अचानक उसका एक
दूर का रिश्तेदार
चाँदकुमारी का रिश्ता
लेकर उसके घर
पहुँच गया।
वह भी तेनालीराम
से जलनेवालों में
से एक था।
वह तेनालीराम के
पास जाकर बोला
, “मैं एक रिश्ता
लेकर आया हूँ
तुम अपने छोटे
भाई का रिश्ता
ले लो।वह ये
नही जानता था
की तेनालीराम का
कोई भाई नहीं
हैं। फिर भी
तेनालीराम ने लड़की
के बारे में
पूछा, “आखिर लड़की
कैसी हैं ?”उसके
बारे में कुछ
तो बताओ।”
वह बोला, “ लड़की का
नाम चांदकुमारी हैं।
वह बहुत ही
सुंदर हैं।” तेनालीराम
ने भी उसकी
माँ को बारे
में बहुत कुछ
सुन रखा था
लेकिन फिर भी
उसने रिश्ते के
लिए हामी भर
दी। अब वह
रिश्तेदार चमेली के घर
पहुँच गया और
उसने ये खुशखबरी
चमेली को सुनाई।
चमेली यह खबर
सुनकर बहुत खुश
हो गई और
उसने बहुत जल्दी
शादी का महूर्त
निकलवाकर उसे बता
दिया।